संजय लीला भंसाली के पद्मावती और रणवीर
संजय लीला भंसाली के पद्मावती और रणवीर
एक तरफ राजपूत करणी सेना देश भर में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का विरोध कर रही है और उसे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की मांग कर रही है। वहीं दूसरी तरफ फिल्म में पद्मावती की किरदार निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का कहना है कि फिल्म किसी चीज के रोकने से नहीं रूक सकती। संजय लीला भंसाली के समर्थन में पूरा बॉलीवुड खड़ा हुआ है। फिल्म 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली है। जिस तरह से फिल्म का समर्थन और विरोध हो रहा है उससे तो यही लगता है कि फिल्म का मुफ्त में प्रमोशन हो रहा है। भंसाली को अलग से प्रमोशन करने के लिए कोई खर्च नहीं उठाना पड़ रहा है। यह पहली बार नहीं है जब भंसाली की किसी फिल्म को लेकर विवाद या विरोध हो रहा है। इससे पहले भी उनकी राम-लीला और बाजीराव-मस्तानी जैसी फिल्मों को लेकर काफी बवाल हुआ था। दोनों फिल्मों ने बॉक्स-ऑफिस पर रिकॉर्ड कमाई की थी। ऐसा लगता है जैसे कि संजय लीला भंसाली की फिल्मों का विरोध उनके ब्लॉक बस्टर होने की गारंटी हो गए हैं।
पद्मावती के वंशजों का विरोध
संजय लीला भंसाली फिल्मी दुनिया के ही नहीं बल्कि हम हिन्दुस्तानियों की मानसिकता को भली-भांति से समझते हैं। उन्होंने इतना तो समझ ही लिया है कि फिल्म बनाना और उसे सुपरहिट कराना दोनों के लिए अलग-अलग से रिसर्च करना पड़ता है। एक तरफ वे फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम करते हैं और दूसरी तरफ उसे हिट कराने का इंतजाम भी कर लेते हैं। तभी तो वे फिल्म की शूटिंग करने जयपुर पहुंचते नहीं है कि विरोधी उनके साथ हाथा-पाई करने पहुंच जाते हैं। भारी विरोधों के बावजूद फिल्म बन कर तैयार है और इसके गाने और ट्रेलर लोगों के सामने आ चुका है। फिल्म के गानों में रानी पद्मावती को सबके सामने नृत्य करते दिखाया गया है। रानी पद्मावती के वंशज विश्वराज सिंह का कहना है कि फिल्म की रिलीज से पहले गाने, पोस्टर देखने से पता चलता है कि रानी पद्मावती का जीवन चरित्र गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने ऐसा अपने फायदे के लिए किया है। अब भंसाली कोई राष्ट्रहित या समाज सेवा के लिए फिल्में तो बनाते नहीं है। जाहिर सी बात है कि वे अपने फायदे और शौक के लिए ही फिल्में बनाते हैं।
भंसाली का विडियो गेम
फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने देने की धमकियों से परेशान होकर संजय लीला भंसाली ने एक वीडियो मैसेज जारी किया है। जिसमें वे फिल्म से जुड़े विवाद को अफवाह बता रहे हैं। भंसाली इस वीडियो में स्पष्ट करते हुए कह रहे हैं, “मैंने फिल्म 'पद्मावती' बेहद ईमानदारी, मेहनत और जिम्मेदारी से बनाई है। मैं रानी पद्मावती की कहानी से हमेशा से बेहद प्रभावित रहा हूं। यह फिल्म उनकी वीरता और आत्म बलिदान को नमन करती है। कुछ अफवाहों की वजह से यह फिल्म विवादों का मुद्दा बन गई है। अफवाह यह है कि फिल्म में रानी 'पद्मावती' और अलाउद्दीन खिलजी के बीच ड्रीम सीक्वेंस दर्शाया गया है। मैंने इस बात को पहले ही नकारा है और लिखित प्रमाण भी दिया है। मैं एक बार फिर दोहरा रहा हूं कि फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई भी ड्रीम सिक्वेंस नहीं है।” कोई भंसाली साहब से पूछे कि जब कोई सिक्वेंस है ही नहीं तो फिर यह अफवाह कैसे उड़ गई?
भंसाली की फिल्में का बॉक्स-ऑफिस रिकार्ड
बॉलीवुड में यह प्रचलन हो गया है। फिल्म के रिलीज़ होने से पहले किसी ना किसी तरह का विवाद हो जाए। ऐसे हथकंडे या तो कभी स्वयं निर्देश-निर्माता अपनाते हैं या फिर फिल्म में काम करने वाले कलाकार। भंसाली भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं। भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्मों की कमाई देखें तो उनका यह फंड़ा कुछ हद तक समझ में आ जाएगा। भंसाली की 1996 में खामोशी फिल्म आई थी। समीक्षकों ने इस फिल्म को सराहा था लेकिन बॉक्स-ऑफिस पर यह फिल्म नहीं चल पाई और फ्लॉप हो गई। फिर 1999 में आई हम दिल दे चुके सनम जो हिट रही। इसके बाद 2002 में आई देवदास भी हिट रही। फिर इन्होंने लीग से हटकर ब्लैक फिल्म बनाई, जिसके लिए इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। बॉक्स-ऑफिस पर ब्लैक की कमाई ठीक-ठाक रही। 2007 में इनकी मेगा बजट फिल्म सावरिया प्रदर्शित हुई जो औंधे मुंह गिर गई। फिर 2010 में आई गुज़ारिश का हश्र भी कुछ ऐसा ही हुआ। संजय लीला भंसाली की फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थी और फिल्मी व्यवसाय में जहां कई फिल्में सौ करोड़ी क्लब में शामिल हो रही थी, वहीं उन्हें नुकसान पर नुकसान उठाना पड़ रहा था।
शुरू हुआ विवादित फिल्मों का दौर
संजय लीला भंसाली को अपनी मसाला फिल्में हिट कराने का फंड़ा मिल गया। उन्होंने शायद तय कर लिया कि बिना बात के वे फिल्म का विवाद करवा देंगे। इसकी शुरूआत हो गई रामलीला से। 2013 में आई इस फिल्म की कहानी रोमियो-जुलिएट के प्रेम पर आधारित थी। इस फिल्म का नाम वे चाहते तो ‘संजयलीला’ या कुछ और भी रख सकते थे। लेकिन शायद उससे फिल्म विवादों में नहीं आती। इसलिए उन्होंने हिन्दुओं के भगवान राम को चुना। उनके राम का चरित्र भगवन श्रीराम के चरित्र के बिलकुल उलट था। ऐसे में हिन्दू संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया और उनकी फिल्म का मुफ्त में प्रचार हो गया। जब उन्होंने देखा कि फिल्म को सौ करोड़ी क्लब में शामिल करवाने के लायक विवाद हो गया तो उन्होंने नाम में थोड़ा सा बदलाव कर राम-लीला कर दिया। राम-लीला ने बॉक्स-ऑफिस से 116.2 करोड़ रुपए जुटाए। फिर अगली फिल्म आई ‘बाजीराव-मस्तानी’, यह भी सुपर हिट हुई। इसमें भी विवाद जमकर हुआ और बॉक्स-ऑफिस पर जमकर कमाई की। बाजीराव-मस्तानी ने भंसाली की झोली में 360 करोड़ रुपए डालें।
इतिहास का खलनायक भंसाली का हीरो
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी को मुख्य पात्र बनाया गया है। इतिहास और कहानियों में खिलजी की क्रूरता और काम-वासना और पद्मिनी के जौहर का जिक्र है। यह तो फिल्म या फिल्म की स्क्रिप्ट देखने के बाद पता चलेगा कि भंसाली खिलजी और पद्मावती को किस तरह दिखा रहे हैं। लेकिन फिल्म के पोस्टर, गाने और प्रोमो देखकर इतना तो समझ में आ रहा है कि फिल्म के हीरो रणवीर सिंह है और हिरोइन दीपिका।
यानी इतिहास का खलनायक भंसाली का हीरो है। एक वर्ग का यह भी मानना है कि रणवीर अपने अभिनय से लोगों के बीच खिलजी को लोकप्रिय बना सकते हैं और हमारी आने वाली पीढ़ी हो सकता है कि खिलजी को उसके अत्याचारों और क्रूरता के लिए न जानकर उसके प्रेम के लिए जाने।
विरोधियों का कहना है कि यह फिल्म शौर्य और बलिदान वाली नहीं है। देश भर में हंगामा मचने बाद भंसाली कह रहे हैं कि अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कोई आपत्तिजनक सीन नहीं फिल्माया गया है। यह तो अपने आप में वे कमाल की बात कह रहे हैं। रणवीर-दीपिका की जबरदस्त जोड़ी अगर नाचेंगे या गाएंगे नहीं तो फिल्म कैसे हिट होगी? ऊपर से भंसाली अब यह भी कह रहे हैं कि इस फिल्म में अपनी रानी को देख कर मेवाड़ के लोग गौरव महसूस करेंगे। तो फिर भंसाली साहब ने इतना हंगामा क्यों बरपा है। महाराष्ट्र सरकार के तरफ से आपको पुलिस सुरक्षा क्यों दी जा रही है। इसका जवाब तो आप ही दे सकते है अगर आपकी मर्जी हो तो। वैसे आपकी फिल्म रिलीज होने से पहले ही हिट तो हो ही गई है। मुबारक हो।
यही लगता है कि फिल्म का मुफ्त में प्रमोशन हो रहा है। आपके इस पोस्ट से भी तो प्रोमोशन हो रहा है
Worst director
Very nice