‘पद्मावती’ से अब सेंसर बोर्ड नाराज
‘पद्मावती’ से अब सेंसर बोर्ड नाराज
“पद्मावती' की प्राइवेट स्क्रीनिंग से सेंसर बोर्ड (CBFC) नाराज है। बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी इसे नियमों का उल्लंघन मान रहे हैं।“
संजय लीला भंसाली की सच में लीला निराली है। लग रहा है जैसे वे जानबूझकर नई-नई मुसीबतें मोल रहे हैं। अब उन्होंने अपनी विवादित फिल्म पद्मावती के लिए उन्होंने सेंसर बोर्ड को नाराज कर दिया है। सेंसर बोर्ड को फिल्म दिखाने से पहले उन्होंने शुक्रवार को मुंबई में गिने-चुने पत्रकारों के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग रखी थी। इस पर सेंसर बोर्ड उनसे खफा है।
भंसाली का नया बखेड़ा
राजस्थान, गुजरात, मुंबई, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में फिल्म का विरोध तेज हो गया है। इस बीच फिल्म के रिलीज की तारीख को आगे बढ़ाने की भी अटकलें लगाई जा रही है। फिल्म के निर्देशक-निर्माता संजय लीला भंसाली को इतना सब कुछ शायद काफी नहीं लग रहा था। इसलिए उन्होंने एक और बखेड़ा खड़ा कर लिया है। 'पद्मावती' की प्राइवेट स्क्रीनिंग कर सेंसर बोर्ड (CBFC) को नाराज कर दिया है। बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने इसे निराशाजनक बताते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "यह निराशाजनक है कि बोर्ड के फिल्म देखने और प्रमाण पत्र जारी करने से पहले मीडिया के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई और राष्ट्रीय चैनलों पर इसकी समीक्षा की जा रही है।”
सेंसर बोर्ड का नहीं मिला है सर्टिफिकेट
यहां यह जानना जरूरी है कि फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड की मंजूरी नहीं मिली है। ‘पद्मावती’ को सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट दिए बिना ही वापस लौटा दिया था जिसका कारण अधूरा आवेदन बताया जा रहा है। तकनीकी कमियों का हवाला देते हुए बोर्ड ने फिल्म के आवेदन को वापस भेज दिया है। प्रसून जोशी ने एएनआई से कहा, "रिव्यू के लिए इसी हफ्ते फिल्म का आवेदन बोर्ड को मिला है। मेकर्स ने खुद माना है कि आवेदन अधूरा था। फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक इसका डिसक्लेमर तक उसमें अंकित नहीं किया गया था। ऐसे में बोर्ड पर प्रक्रिया को टालने का आरोप लगाना सरासर गलत है।"
गौरतलब है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म 'पद्मावती' को देखने से फिलहाल इनकार कर दिया। सीबीएफसी के अनुसार मुद्दा सुलझाने के बाद बोर्ड के पास फिल्म भेजे जाने पर तय मानदंडों के मुताबिक एक बार फिर इसकी समीक्षा की जायेगी। कमियों को ठीक करने के बाद जब फिल्मकार बोर्ड के पास इसे भेजेंगे तो एक बार इसकी जांच होगी और फिल्म के लिए प्रमाणन की बारी आने पर इसकी भी जांच होगी। हालांकि 'पद्मावती' के मेकर्स सेंसर बोर्ड पर प्रमाणन प्रक्रिया में तेजी लाने का दबाव डाल रहे हैं। इस पर प्रसून जोशी का कहना है कि पद्मावती के मेकर्स ने मीडिया को पहले फिल्म दिखाकर इस पूरी प्रक्रिया को कमतर आंका है। वे एक अवसरवादी उदाहरण पेश कर रहे हैं। फिल्म मेकर्स की ओर से ऐसा करना बिल्कुल सही नहीं है। यह फिल्म प्रमाणन के नियमों का उल्लंघन करने जैसा है।
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उग्र प्रदर्शन की धमकियों के बीच
दरअसल फिल्म को लेकर शुरू से ही विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग की जा रही है। संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण को आपत्तिजनक धमकियां भी मिल रही हैं। विरोध प्रदर्शन को उग्र होते देखकर इस मामले को शांत करने के लिए ही मेकर्स ने फिल्म को कुछ चुनिंदा लोगों को दिखाने का फैसला किया। ताकि फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो सके। लेकिन फिल्म मेकर्स का यह रवैया प्रसून जोशी और बोर्ड के सदस्यों को पसंद नहीं आया।
रिलीज की तारीख पर संशय
फिलहाल फिल्म के रिलीज की तारीख फिल्म निर्माताओं की तरफ से एक दिसंबर बताई जा रही है। इस हफ्ते की शुरूआत में दीपिका पादुकोण ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात-चीत में कहा था कि हम केवल सेंसर बोर्ड के प्रति जवाबदेह हैं और मेरा मानना है कि कोई भी चीज इस फिल्म के रिलीज को नहीं रोक सकती है।
संजय लीला भंसाली के हथकंडों का फिल्म पर कितना असर होता है यह फिल्म के रिलीज के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल तो फिल्म की रिलीज तारीख को आगे बढ़ाने की बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कर दी है। उनका कहना कि एक दिसंबर को राज्य में निकाय चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। ऐसे में फिल्म प्रदर्शित होती है और किसी तरह का बवाल होता है तो कानून व्यवस्था को संभालने में मुश्किल आएगी।
अब फिल्म रिलीज हो जाए तभी कुछ कहा जा सकेगा कि इसपर विरोध और समर्थन का क्या असर होता है।
There is nothing they won’t do to get their movies to work…
There you go, the release date has been postponed. Volantarily, is what they are saying…